कोरोना से उबरने के बाद एथलीट्स ट्रेनिंग पर कब तक लौटें, जानें एक्सपर्ट से

कोरोना से उबरने के बाद एथलीट्स ट्रेनिंग पर कब तक लौटें, जानें एक्सपर्ट से

सेहतराग टीम

कोरोना वायरस पूरी दुनिया में कहर मचा रहा है। इसकी वजह से लोग घरों में कैद हैं। कहा जा रहा है कि इसका बचाव लोगों को अपना इम्यून सिस्टम मजबूत करके ही करना है। इसके लिए लोग अपने खान-पान और रहन-सहन पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। लेकिन फिटनेस हमें कोरोना वायरस से बचा नहीं सकती है क्योंकि ये एक दूसरे के छुने से भी होता है। इसलिए इससे बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनना अनिवार्य है। अभी तक यह वायरस कई लाखों लोगों को अपना शिकार बना चुका है। उनमें कई मैराथन दौडने वाले एथलीट्स है तो कई साइकिलिस्ट, बास्केटबॉल और कई तरह के एथलीट्स है।वही इसके अलावा भी कई ऐसे एथलीट होंगे जो एसिम्प्टोमैटिक (वायरस के शरीर में मौजूद होने पर भी लक्षण दिखाई न देना) होंगे और इस बात से अंजान होंगे कि वह कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं।

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इनमें से ज़्यादातर ऐसे एथलीट होंगे जो दोबारा ट्रेनिंग शुरू करने के लिए तैयारी कर रहे होंगे। लंदन के रॉयल ब्रोम्पटन अस्पताल के डॉक्टर जेम्स हल, जो स्पोर्ट्स पल्मोनोलॉजिस्ट हैं, का कहना है, "एक एथलीट के लिए आमतौर पर बीमारी के बाद ट्रेनिंग पर लौटने के लिए जो मापदंड अपनाएं जाते हैं, वह कोरोना वायरस से ठीक हुए एथलीट के लिए लागू नहीं हो सकते।"    

बीमारी से उबरने के बाद वर्कआउट करना सही है?

उन्होंने कहा कि 1990 से एथलीट्स के लिए डॉक्टर 'नेक चेक' का सहारा लेते आए हैं। इसके मुताबिक अगर एक खिलाड़ी के इंफेक्शन उसके सिर तक ही सीमित है, जैसे नाक बेहना, साइनस की दर्द और गला ख़राब, तो उसे ट्रेनिंग और खेलने की इजाज़त दे दी जाती है।     

डॉ. हल का कहना है कि नए कोरोना वायरस ने पल्मोनोलॉजिस्ट की चिंता बढ़ा दी है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये बीमारी शुरुआत में मामूली लगती है, लेकिन तेज़ी से गंभीर होती चली जाती है। कोरोना वायरस फेफड़ों के अलावा दिल, हृदय और किडनी पर भी असर डाल सकता है, इसलिए आमतौर पर ज़ुकाम या फ्लू इंफेक्शन में भी खिलाड़ी को खेलने की अनुमति मिल जाती थी, लेकिन अब ऐसा करना जोखिम भरा हो सकता है।

ऐसे में खिलाड़ियों को क्या करना चाहिए?

डॉ. हल और कई पल्मोनोलॉजिस्ट की सलाह है कि जो एथलीट कोरोना वायरस पॉज़ीटिव पाए गए हैं, या फिर उन्हें ऐसे लक्षण दिख रहे हैं, उन्हें वर्कआउट नहीं करना चाहिए और कम से कम 10 दिन तक आराम करना चाहिए। उसके बाद भी अगर स्थिति साफ नहीं होती है और लक्षण न दिखने के बावजूद एक हफ्ता और आराम करना चाहिए।

(साभार-दैनिक जागरण)

 

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